मोहब्बत के रंग लगाती है होली |
ऊँच नीच, निर्बल सबको गले लगाती है होली |
दोस्त बनकर दुश्मन को रंग देती है,
प्रेम-प्रीत का सबक पढ़ाती है होली |
~ अब्दुल रहमान अंसारी (रहमान काका)
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